सिक्खों का पवित्र धार्मिक स्थान है भारत में स्वर्ण मंदिर. स्वर्ण मंदिर को हरमिंदर साहिब के नाम से भी जाना जाता है. दुनियां का सबसे आकर्षक और पावन धार्मिक स्थल है. ये मंदिर इतना खूबसूरत और आकर्षक है कि सब का मन मोह लेती है. प्रतिदिन श्रद्धालु यहां आते हैं और दर्शन कर अपने जीवन को धन्य बनाते हैं.
Swarna Madir se jude Rochak tathya : Interesting facts of Golden temple
आइए जानते हैं स्वर्ण मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में.
- सिक्ख धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ माना गया है गुरु ग्रंथ साहिब को. हरमिंदर साहिब में हीं सबसे पहले इसकी स्थापना की गई थी.
- जिस स्थान पर स्वर्ण मंदिर स्थापित है, सबसे पहले सिक्खों के प्रथम गुरु, गुरु नानक जी ने वहां ध्यान किया था.
- सिक्ख धर्म के पांचवे गुरू अर्जुन देव जी ने हरमिंदर साहिब की स्थापना की थी.
- 19वीं सदी में महाराणा रंजीत सिंह ने अपने कार्यकाल में स्वर्ण मंदिर का नवीनीकरण कराया था.
- शुरुआत में जब हरमिंदर साहिब को बनवाया गया था उस समय सोने की पॉलिश नहीं हुई थी.
- स्वर्ण मंदिर में जो प्रतिदिन लंगर लगता है, उसमें लगभग 35,000 लोग भोजन करते हैं. और सारे भोजन का प्रबंध भक्तों के द्वारा दान किया जाता है.
- यहां जो लंगर सेवा दी जाती है, वो विश्व की सबसे बड़ी लंगर सेवा है.
- बाबा बुड्ढा जी हरमिंदर साहिब के सबसे पहले पुजारी थे.
- स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करने के लिए चार रास्ते बने हुए हैं. इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति, किसी भी धर्म या समुदाय से हो, उसके लिए इस मंदिर का दरवाजा हमेशा खुला रहेगा.
- सिक्ख धर्म की प्राचीन ऐतिहासिक वस्तुओं का प्रदर्शन भी हरमिंदर साहिब में किया गया है. इस प्रदर्शनी को देखने के लिए प्रतिदिन देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग पधारते हैं.
- सिक्खों के मुख्य उत्सव में गुरु रामदास का जन्मदिन, गुरु तेग बहादुर की मृत्यु का दिन, गुरु नानक देव जी का जन्म दिन और बैसाखी इत्यादि शामिल है.
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